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Showing posts from July, 2025

लबूबू डॉल: एक मासूम खिलौना या शैतानी रहस्य?

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लबूबू डॉल: एक मासूम खिलौना या शैतानी रहस्य? जानिए वायरल ट्रेंड के पीछे की पूरी कहानी यह है लबूबू डॉल । जी हां, वही डॉल जिसे आज सोशल मीडिया पर हर जगह देखा जा रहा है। इस डॉल ने खासतौर पर पश्चिमी दुनिया — अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय देशों में — सनसनी मचा रखी है। नौजवानों, खासकर लड़कियों के बीच यह एक क्रेज़ बन चुकी है। बीते कुछ दिनों में आपने भी शायद इस गुड़िया की कोई न कोई वीडियो, शॉर्ट क्लिप या पोस्ट जरूर देखी होगी, और मन में यह सवाल उठा होगा कि आखिर ये लबूबू डॉल है क्या? और क्यों हर तरफ इसकी ही चर्चा हो रही है? इस डॉल की खास बात यह है कि यह एक ही वक्त में क्यूट भी लगती है और डरावनी भी। लोग इसे खरीदने के लिए दुकानों के बाहर लंबी लाइनें लगा रहे हैं। ऑनलाइन यह डॉल जहां पहले $50 से कम में मिल रही थी, वहीं अब इसकी डिमांड इतनी बढ़ गई है कि यह ब्लैक मार्केट में हजारों डॉलर में बेची जा रही है। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। काले जादू से जुड़ा रहस्य? लबूबू डॉल को लेकर एक और चौंकाने वाला पहलू सामने आया है — इसका कथित कनेक्शन काले जादू और शैतानी ताकतों से। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने यह दावा किय...

बी-2 स्पिरिट: वो उड़ता हुआ हीरा जिसे रडार भी नहीं देख सकता 🔥 B-2 Bomber का सच

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  बी-2 स्पिरिट: वो उड़ता हुआ हीरा जिसे रडार भी नहीं देख सकता B-2 स्पिरिट एक न्यूक्लियर एरिया के ऊपर उड़ता हुआ साल 1962 में मॉस्को के रेडियो इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट में एक रूसी वैज्ञानिक प्योत्र उफिमसेव इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स पर एक रिसर्च पेपर लिख रहे थे। उन्होंने बड़ी मेहनत से रिसर्च तैयार की, लेकिन जब सोवियत वैज्ञानिकों के सामने पेश किया तो उसे ‘जटिल, लंबा और उबाऊ’ कहकर नकार दिया गया। यह पेपर दबा रह गया… लेकिन इतिहास को बदलने वाला था।   अमेरिकी कंपनी लॉकहीड और होपलेस डायमंड एक दशक बाद यह पेपर किसी तरह अमेरिका की कंपनी Lockheed तक पहुँचा। वहाँ “Skunk Works” नाम की एक सीक्रेट टीम में 36 साल के मैथमेटिशियन *डेनिस ओवरहोलसर*ने इसे पढ़ा और उससे प्रेरित होकर एक लकड़ी का मॉडल बनाया जो कटे हुए हीरे जैसा दिखता था—नाम रखा गया Hopeless Diamond 1975 में कैलिफोर्निया के मोजावे रेगिस्तान में इस मॉडल को टेस्ट किया गया। जब रडार ऑपरेटर ने स्क्रीन देखी, तो वह हैरान रह गया—स्क्रीन प्लेनक थी। मॉडल अदृश्य था। बाद में पता चला कि रडार ने जो दिखाया, वो मॉडल नहीं, उस पर बैठे कौवे की परछाई थी।  ...

अहमदाबाद प्लेन क्रैश की रिपार्ट सामने आई,क्या क्रैश की वजह दोनो पाइलटस पर आई?

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  अहमदाबाद प्लेन क्रैश की रिपार्ट सामने आई,क्या क्रैश की वजह दोनो पाइलटस पर आई?  एयर इंडिया दुर्घटना रिपोर्ट जारी, क्या है वह अखिरी सैकैंड का पुरा सच ! एयर इंडिया का विमान 171 12 जून को लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए जा रहा था, लेकिन अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। व​ही इसको लेकर विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो (AAIB) ने शनिवार, 12 जुलाई को एयर इंडिया दुर्घटना पर अपनी 15-पृष्ठ की प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें यह लिखा है की "लगभग 08:08:42 UTC (दोपहर 1:38, 42 सेकंड) पर और उसके तुरंत बाद, इंजन 1 और इंजन 2 के ईंधन कटऑफ स्विच 01 सेकंड के अंतराल के साथ एक के बाद एक RUN से CUTOFF स्थिति में चले गए। वही"कॉकपिट" की वॉयस रिकॉर्डिंग में, एक पायलट दूसरे से पूछता हुआ सुनाई देता है कि उसने कटऑफ क्यों किया। वही दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया।" गौरतलब है की उड़ान डेक में बिताए 32 सेकंड रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान भरने के तुरंत बाद दोनों इंजनों का ईंधन बंद हो गया। एएआईबी रिपोर्ट के अनुसार, ईंधन नियंत्रण स्विच "कटऑफ...

कर्बला का इतिहास! मुहर्रम क्यु मनाया जाता है? वाक्या ए कर्बला।—

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  कर्बला का इतिहास! मुहर्रम    क्यु मनाया जाता है? वाक्या ए कर्बला।—        कर्बला का इतिहास इराक में स्थित कर्बला एक ऐतिहासिक शहर है,जहा की मिट्टी अनपे आप मे ही बयान ​करती  कर्बला का वह मंजर,यह जमीन बलिदान, सत्य, और न्याय की लड़ाई का प्रतीक बन चुकी है। कर्बला की घटना इस्लामी इतिहास की सबसे भावनात्मक और महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक बताई जाती है। यह लड़ाई क्यू हुई आइए जानते है पूरा मुकम्मल वाक्या । इस्लाम के पैगंबर और सबसे आखरी नबी हज़रत मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम. ) की वफ़ात निधन के बाद, मुसलमानों में संचालन को लेकर मतभेद हो गए, तो वही कुछ लोग खलीफा (नेता) को चुनाव के माध्यम से चुनने के पक्ष में थे, जबकि कुछ मानते थे कि यह पद पैगंबर के परिवार, खासकर उनके दामाद और हज़रत अली (रदी अल्लाहु तआला अन्हु) ** के पास होना चाहिए। समय बीतता गया और हज़रत अली के पुत्र हज़रत इमाम हुसैन (रदी अल्लाहु तआला अन्हु.)  तक यह मामला पहुंचा। उस समय यज़ीद बिन मुआविया जो कि पहले खलीफा मुआविया का बेटा था, उसने सत्ता पर कब्जा कर लिया। यज़ीद एक क्रूर, भोगी और ...