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Showing posts from August, 2024

वाराणसी : जेल में बंद भाइयों के हाथ में सजी राखी, छलके बहनों के आंसू

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वाराणसी   : जेल में बंद भाइयों के हाथ में सजी राखी, छलके बहनों के आंसू वाराणसी के चौका घाट स्थित जिला कारागार में बहन-भाई के अटूट प्रेम का त्यौहार रक्षाबंधन मनाया गया। सुबह से ही जिला कारागार के बाहर बहनों की कतार लग गई त्यौहार के महत्व को देखते हुए जिला कारागार में भी विशेष इंतजाम किए गए। कारागार में बंद किसी भी भाई की कलाई सुनी ना रहे और मुलाकात में बहनों को किसी तरह की असुविधा न हो, ऐसी व्यवस्था बनाई गई। जिला कारागार में बंद भाइयों की कलाई में राखी बांधकर बहनों ने रक्षा का संकल्प लिया। सोमवार के दिन रक्षाबंधन का भी पर्व पड़ा जिसको लेकर बड़े ही धूमधाम से रक्षा बंधन का पर्व मनाया जा रहा है  के दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई में राखी बांधकर अपनी रक्षा के लिए वचन लेती है सुबह  से ही जिला कारागार चौकाघाट स्थित जो बंदी हैं उनकी भी बहने सुबह से ही जिला कारागार पहुंचे कर अपने भाइयों की कलाई में राखी बांध रही है जब इस संदर्भ में जिला जेलर उमेश सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान, प्रमुख सचिव राजेश प्रताप सिंह का स्पष्ट आदेश है कि उत्तर प्रदेश की...

सामूहिक बलात्कार पीड़िता और महिला नर्सिंग आॅफिसर की दिवंगत आत्माओं को भावपूर्ण दी गयी श्रद्धांजलि

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सामूहिक बलात्कार पीड़िता और महिला नर्सिंग आॅफिसर की दिवंगत आत्माओं को भावपूर्ण दी गयी श्रद्धांजलि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की जूनियर महिला डॉक्टर के साथ और उत्तराखंड के रुद्रपुर में एक महिला नर्सिंग ऑफिसर के साथ हुए बर्बरता पूर्ण और मानवता को शर्मसार करने वाला सामूहिक बलात्कार और उसके बाद हत्या कर दिया गया। वहीं इस दिवंगत आत्माओं को न्याय दिलाने के लिए आईएमएस BHU से ट्रॉमा सेंटर तक शांतिपूर्ण कैंडल मार्च निकाला गया।  बता दें कि शांतिपूर्ण कैंडल मार्च आइएमएस बीएचयू से ट्रामा सेंटर ​तक निकाला गया। इस दौरान नर्सिंग अ​ॉफिसर बाबूलाल यादव ने बताया कि सरकारें महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा की बात करती हैं और दूसरी तरफ महिलाओं के साथ यह सब होने के बावजूद चुप रहती है जो की बहुत ही घोर निंदनीय और सोचनीय विषय है आखिर सरकारों की ऐसी क्या मजबूरियां होती हैं की सब कुछ होने के बावजूद भी गुनाह करने वाले पकड़े नहीं जाते हैं और यदि पकड़े जाते हैं तो उनको कड़ी सजा नहीं दिला पाते हैं कभी देश की बेटी को काटकर फेंक दिया जाता है और कभी देश की बेटी को रोड पर घसीटा जाता है पता नहीं...

पण्डित छन्नू लाल मिश्र ने परिवार से पीड़ित होने का आरोप लगाया,मीडिया को बतायी अपनी आपबीती..

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पण्डित छन्नू लाल मिश्र ने परिवार से पीड़ित होने का आरोप लगाया,मीडिया को बतायी अपनी आपबीती..   प्रधानमंत्री मोदी के चुनाव के नामांकन मे प्रस्तावक रहे और वर्ष 2020 में पद्म विभूषण, वर्ष 2010 में पद्मभूषण वर्ष 2000 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित छन्नूलाल मिश्रा अपने ही परिवार से पीड़ित हैं। वर्तमान में अपनी बेटी के साथ वाराणसी छोड़कर मीरजापुर में रहने के लिए मजबूर हैं। संस्कृति मंत्रालय (उत्तर-केंद्रीय) सरकार के सदस्य होने पर भी छन्नू लाल मिश्र का दर्द और लाचारी को कोई देखने -सुनने वाला नहीं है उनको अपनी बात कहने के लिए मीडिया का सहारा लेना पड़ा।  बता दें​ कि संगीत कला में विश्व प्रसिद्ध ठुमरी गायक छन्नू लाल मिश्र अपने ही बेटे और पोते की धमकी से भय के साये में घुट - घुट कर जीने के लिए मजबूर हैं। पारिवारिक पीड़ा और शारीरिक बीमारी से लाचार पण्डित छन्नू लाल मिश्र जी को वाराणसी की धरती छोड़ने पर मजबूर कर दिया गया।वह भारत की धरोहर से आज न्याय की गुहार लगा रहे है। लेकिन उनकी बेबसी को सुनने वाला सुध लेने वाला अभी कोई आगे नहीं आया है। वह प्रधान मंत्री मोदी से बात करना चा...